सूती वस्त्र उद्योग
· उद्योग विभाग कि स्थापना – 1949
· भारतीय पंचवर्षीय योजना की पहली योजना – कृषि पर
आधारित
· दूसरी पंचवर्षीय योजना – उद्योगों पर आधारित
· राजस्थान में 8वीं पंचवर्षीय योजना में उद्योगों
पर सर्वाधिक व्यय किया गया, यह
कुल व्यय का 5.3% था I
· राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अब तक 6
ओद्योगिक नीतियाँ घोषित व लागू की जा चुकी है –
(1) 24 जून
1978
(2) Dec. 1990 घोषित व April 1991
को लागू
(3) 15 june 1994
(4) 4 june 1998
(5) 26 अगस्त
2010
(6) 8 अगस्त
2015
सूती वस्त्र उद्योग –
Ø राज./भारत का सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग
Ø राज./भारत का सबसे प्राचीनतम,परंपरागत
व संगठित उद्योग है |
Ø भारत
का सर्वाधिक विकेंद्रीकृत उद्योग है |
Ø राज./भारत
में सर्वाधिक लोगों को रोजगार प्रधान करता है |
· राजस्थान की पहली सूती वस्त्र मिल – कृष्णा मिल
स्थान – ब्यावर ,अजमेर , स्थापना – 1889, क्षेत्र – निजी
· राज. की दूसरी सूती वस्त्र मिल – एडवर्ड मिल्स (ब्यावर ,अजमेर)
स्थापना
– 1906 , क्षेत्र – निजी (1974 से
सार्वजनिक क्षेत्र में)
· राज.
की तीसरी सूती वस्त्र मिल – महालक्ष्मी मिल्स (ब्यावर,अजमेर)
स्थापना
– 1925 क्षेत्र – निजी (1974 से
सार्वजनिक क्षेत्र में)
· 1938
मेवाड़ टेक्सटाइल मिल्स – गुलाबपुरा भीलवाड़ा
· 1942
महाराणा उम्मेद सिंह मिल्स – पाली
· 1946
सार्दूल टेक्सटाइल मिल्स – श्री गंगानगर
सार्वजनिक क्षेत्र की मिलें –
1) एडवर्ड
मिल्स – ब्यावर अजमेर
2) महालक्ष्मी
मिल्स – ब्यावर अजमेर
3) विजय
कॉटन मिल्स – विजयनगर अजमेर
सहकारी क्षेत्र की मिलें –
1) राज.
सहकारी कताई मिल – गुलाबपुरा भीलवाडा – 1965
2) गंगापुर
सहकारी कताई मिल – गंगापुर भीलवाडा – 1981
3) श्रीगंगानगर
सहकारी कताई मिल – हनुमानगढ़ – 1978
Note – 1 अप्रेल 1993 को उपरोक्त
तीनों मिलों तथा गुलाबपुरा की जिनिंग मिल को मिलकर इनका नाम “ राज. राज्य सहकारी एवं जिनिंग मिल्स संघ LTD.” रखा गया
|
· राज.
मे सर्वश्रेष्ट कपास का उत्पादन – श्री गंगानगर
· भीलवाडा
सूती वस्त्र का प्रमुख केंद्र है अत: इसे “राज. का मेनचेस्टर” कहा जाता है |
· भीलवाडा
मे सर्वाधिक सूती वस्त्र मिलें है अत: भीलवाडा को राजस्थान की वस्त्र नगरी कहा जाता
है |
· भीलवाडा
मे कम्प्युटर एडेड डिजाईन सेंटर स्थापित किया गया है |
· बहरोड़
अलवर मे सिंथेटिक फाइबर की मिल स्थापित की गई है |
· राज.
एकीकृत कपड़ा पार्क – बगरु जयपुर
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