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Wednesday 6 March 2019

Rajasthan Gk | Rajasthan का राजनैतिक एकीकरण for rpsc,patwrai,reet,ssc

Rajasthan का राजनैतिक एकीकरण


आजादी के समय भारत (India) में कुल 562 रियासतें थी ।

रियासतों के एकीकरण की जिम्मेदारी सरदार वल्लभ भाई पटेल को सौंपी गई 

भारत (india) की सबसे बड़ी रियासत - हैदराबाद

भारत (india) की सबसे छोटी रियासत -  बिलवारी (MP)

स्वतन्त्रता के समय Rajasthan में -- 19 रियासतें व 3 ठिकाने थे - 

1. नीमराणा (Alwar) --  शासक - राव राजेन्द्र सिंह

2. लावा (tonk)  --   शासक - बंस प्रदीप सिंह

3. कुसलगड़ (बांसवाड़ा) -- शासक - राव हरेन्द्र सिंह

तथा एक अंग्रेज या केंद्र शासित प्रदेश - अजमेर मेरवाड़ा था ।

इन सब को मिलाकर राजपुताना कहा जाता था ।


राजपुताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग - जॉर्ज थॉमस ने - सन् 1800 में किया था ।

● 1805 में विलियम फ्रेंकलिन द्वारा प्रकाशित पुस्तक "दी मिल्ट्री मेमायर्स ऑफ मिस्टर जॉर्ज थॉमस" में लिखा था कि सम्भवतः राजपुताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग जॉर्ज थॉमस ने किया था ।


राजस्थान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग Rajasthan इतिहास लेखन के पिता कर्नल जेम्स टॉड के द्वारा 1829 में अपनी स्वयं की पुस्तक  "एनल्स एण्ड एंटीक्यूटीस ऑफ़ राजस्थान" के प्रथम भाग में किया गया था ।

इस पुस्तक का दूसरा नाम  " द वेस्टर्न एण्ड सेंट्रल राजपुताना स्टेट्स ऑफ इंडिया" ।

● Rajasthan की सबसे प्राचीन रियासत -  मेवाड़ (Udaipur)
सबसे नवीन रियासत  -  मालवा (Jhalawar)
सबसे बड़ी रियासत    -  मारवाड़ (Jodhpur)
सबसे छोटी रियासत   -  शाहपुरा (भीलवाड़ा)
जनसंख्या में सबसे बड़ी -  ढूंढाड़ (Jaipur)
जनसंख्या में सबसे छोटी -  प्रतापगढ़

अंग्रेजों के साथ सन्धि करने वाली सबसे पहली रियासत    -  करौली  (15 Nov. 1817)
अंतिम रियासत   -   सिरोही (sirohi , सितंबर 1823)

डाक टिकिट व पोस्ट कार्ड जारी करने वाली पहली रियासत  -  Jaipur
Jaisalmer रियासत को Rajasthan का अंडमान कहा जाता है । यह सबसे पिछड़ी रियासत थी।
Alwar रियासत का सम्बन्ध महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ा है । महात्मा गांधी की हत्या के सम्बन्ध में अलवर के शासक तेजसिंह तथा दीवान M.B. खरे को दिल्ली में नजरबंद करके रखा गया था ।
इसलिए अलवर रियासत ने पहला स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया ।
भारत की 2 मुस्लिम रियासते -  टोंक (tonk) , पालनपुर (Gujrat)
रियासत विभाग की स्थापना -  July 1947
रियासत विभाग के अध्यक्ष -  सरदार वल्लभ भाई पटेल
रियासत विभाग के सचिव  -  वी. पी. मेनन


चरण
संघ का नाम व दिनांक
रियासतें/ठिकाने
  अन्य

  1

मत्स्य संघ
18 मार्च 1948
A B C D
(अलवर,भरतपुर,करौली,धौलपुर)
ठिकाना – नीमराना
NOTE- इस संघ का नाम श्री कन्हेया लाल माणिक्य लाल मुंशी के सुझाव पर मत्स्य संघ रखा गया |
राजधानी – अलवर
प्रधानमंत्री – सोभाराम
राजप्रमुख – उदयभान सिंह
उपराजप्रमुख- गणेशपाल देव
उद्घाटन – श्री N.V. गोड्गिल
स्थान – लोहगढ़दुर्ग भरतपुर

  2

राजस्थान संघ
(पूर्व राजस्थान)
25 मार्च 1948
डुंगरपुर,बांसवाड़ा,प्रतापगढ़,कोटा,
बूँदी,झालावाड़,टोंक,किशनगढ़,
शाहपुर,
ठिकाने – लावा, कुशलगढ़
Note – इस विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते हुये बांसवाड़ा शासक महरावल चन्द्र्वीर सिंह ने कहा था कि में अपने डेथवारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ |

राजधानी – कोटा
प्रधानमंत्री– गोकुल लाल असावा
राजप्रमुख – MBS
उपराजप्रमुख- लक्ष्मण सिंह
उद्घाटन – श्री N.V. गोड्गिल
स्थान – कोटा दुर्ग

  3
सयुक्त राजस्थान
18 अप्रैल 1948  

+ उदयपुर
राजधानी – उदयपुर
प्रधानमंत्री– श्री माणिक्यलाल वर्मा
राजप्रमुख – महाराणा भूपाल सिंह
उपराजप्रमुख- MBS
उद्घाटन – श्री प. जवाहरलाल नेहरू
स्थान – कोटा दुर्ग

  4

वृहद राजस्थान
30 मार्च 1949
+ J J J B
(जयपुर,जोधपुर,जेसलमेर,
बीकानेर )
Note – 1. इस चरण में 5 विभाग स्थापित किए गए थे-
1.शिक्षा का विभाग – बीकानेर
2.न्याय का विभाग – जोधपुर
3.वन का विभाग – कोटा
4.कृषि का विभाग – भरतपुर
5.खनिज का विभाग -उदयपुर
Note – 2. 30 मार्च 1949 अर्थात वृहद राजस्थान के निर्माण की तिथि को राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है |
राजधानी – जयपुर
प्रधानमंत्री– श्री हिरालाल शास्त्री
राजप्रमुख – SMS
महाराजा प्रमुख – भूपाल सिंह  
उपराजप्रमुख- MBS
उद्घाटन – सरदार वल्लभ भाई पटेल
स्थान – सिटी पेलेस जयपुर

   5
सयुंक्त राजस्थान
15 मई 1949

  + मत्स्य संघ
Note
1.राजस्थान केप्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री – हिरालाल शास्त्री
(7 अप्रेल 1949 से 5 जनवरी
1951)
2.द्वितीय मनोनीत मुख्यमंत्री – सी.एस. वेंकटाचारी
(6 जनवरी 1951 से 25 अप्रैल 1951)
3.तृतीय मनोनीत मुख्यमंत्री – जयनारायण व्यास
(26 अप्रैल 1951 से 3 मार्च 1952)

राजधानी – जयपुर
प्रधानमंत्री– श्री हिरालाल शास्त्री
(मनोनीत)
राजप्रमुख – SMS
महाराजा प्रमुख – भूपाल सिंह  


 6

राजस्थान ‘B’ श्रेणी
26 जनवरी 1950


+ सिरोही




Note
1. 26 जनवरी 1950 अर्थात राजस्थान B श्रेणी की निर्माण की तिथि को राजस्थान का नाम राजस्थान स्वीकार किया गया था |
राजधानी – जयपुर
प्रधानमंत्री– श्री हिरालाल शास्त्री
राजप्रमुख – SMS
महाराजा प्रमुख – भूपाल सिंह  

Note -
2.अप्रेल 1948 में प. हिरालाल शास्त्री ने मांग की थी कि सिरोही का विलय राजस्थान में जरूरी है क्योंकि सिरोही का अर्थ है गोकुल भाई भट्ट और बिना गोकुल भाई के हम राजस्थान नहीं चला सकते   

 7

वर्तमान राजस्थान या राजस्थान A श्रेणी
1 नवंबर 1956
+ अजमेर-मेरवाड़ा ,आबु ,दिलवाड़ा तथा MP का सुनेल टप्पा राजस्थान में तथा राजस्थान का सिरोंज क्षेत्र MP में मिलाया गया |
राजधानी – जयपुर
मुख्यमंत्री – मोहन लाल
सुखाडिया
राज्यपाल – सरदार गुरुमुख निहाल सिंह
Note – उपरोक्त क्षेत्र (7वें चरण में शामिल ) राज्य पूनर्गठन आयोग कि सिफारिस के उपरांत मिलाये गये |



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