चीनी उद्योग
Ø राज. की
पहली चीनी मिल – मेवाड़ शुगर मिल्स भोपालसागर ,चित्तौड़गढ़
Ø स्थापना
– 1932 क्षेत्र – निजी
Ø राजस्थान
की दूसरी चीनी मिल – श्री गंगानगर शुगर मिल ,श्रीगंगानगर
Ø स्थापना
– 1937 क्षेत्र – निजी
Ø 1956
से सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत
Ø यहाँ
चकुंदर से चीनी बनाई जाती है |
Ø यहाँ
शराब भी बनाई जाती है |
Ø स्थानांतरित
– 2008 में कमीनपुरा श्रीगंगानगर में
Ø राजस्थान
की तीसरी चीनी मिल - केशवरायपाटन शुगर मिल्स
(के.पाटन ,बूंदी )
स्थापना – 1965 क्षेत्र – सहकारी , वर्तमान में बंद
Ø राजस्थान
की चौथी चीनी मिल – उदयपुर शुगर मिल्स (उदयपुर)
Ø स्थापना
– 1976 क्षेत्र – निजी
Ø मेवाड़
शुगर मिल की सहायक कंपनी
काँच उद्योग
· काँच बनाने
के लिए निम्न खनिजों की आवश्यकता होती है –
1. बालू –
धोलपुर ,जयपुर
व बीकानेर जिलों से प्राप्त की जाती है |
2. बालू
को 1600 से 1650 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पिघलाना पड़ता है |तथा
3. सोडा
व सोडियम सल्फेट खारे पानी की झीलों से प्राप्त किया जाता है |
· काँच उद्योग
का सर्वाधिक धोलपुर में हुआ है –
कारण –
1. सर्वश्रेष्ट
किस्म की बालू पाई जाती है|
2. परिवहन
की दृष्ठि से उपयुक्त जगह पर स्थित
3. देश
के प्रमुख केन्द्रों से जुड़ा हुआ |
प्रमुख कारखाने –
1. द हाइटेक
प्रिसीजन ग्लास फेक्टरी धौलपुर – यह श्रीगंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड की सहायक
कंपनी है जो मदिरा विभाग की बोतलों का निर्माण करती है |
2. धौलपुर
ग्लास फेक्टरी – धौलपुर उत्पादन – मल्टीपरपज
यह
राजस्थान का सबसे बड़ा काँच उद्योग है |
3 सेमटेल/सेमकोर ग्लास फेक्टरी कोटा – इसमे
टी.वी. की पिक्चर ट्यूब का निर्माण किया जाता था |
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